पाठ का अर्थ:
वाह सुहावनी प्रभात बेला है| आसमान में सूरज उगता है| अन्धकार गया| सब तरफ प्रकाश ही प्रकाश है| पक्षियाँ आकाश में यहाँ वहाँ घूमते हैं| वृक्ष से बन्दर कूदते हैं| सभी लोग प्रशन्न होते हैं| वे बगीचे मे घूमते और दौड़ते हैं| बच्चें भी बगीचे मे खेलते हैं| जानवर भी प्रशन्न होते हैं| वे वन मे यहाँ वहाँ जाते हैं| सभी लोग अपने कामों में व्यस्त होंगे| वाह! धन्य हो ऐसी एक सुखदायक प्रभात बेला की|
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